जानिए..कहीं आप भी ब्रैस्ट कैंसर के शिकार तो नहीं ?

अभिनेत्री हिना खान की इंस्टाग्राम पोस्ट ने अफवाहों को सच साबित किया जिससे हर कोई अचंभित है कि इतनी फिट एक्ट्रेस भी इतनी बड़ी बीमारी की शिकार हो सकती है। इस न्यूज़ के बाद हम ये अनुमान तो लगा सकते है किसी कि फिजिकल अपीयरेंस से उसकी हेल्थ है अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। और इस बात से ये प्रश्न भी सामने आता है कि क्या आप स्वस्थ है या आपके परिवार में ऐसी कोई महिला तो नहीं जो इस बीमारी का शिकार हो रहा है। आइये जानते है ब्रैस्ट कैंसर से हुई कुछ अनजानी बातें….

ब्रैस्ट कैंसर है क्या ?

कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी है और ये शरीर के अलग अलग अंगो में हो सकती है। तो चलिए जानते है कि, ब्रैस्ट कैंसर है क्या ?स्तन कैंसर एक गंभीर लेकिन जागरूकता और सही इलाज के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकने वाला रोग है। यह स्तन के ऊतकों में बनने वाली कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि के कारण होता है। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है, लेकिन पुरुषों में भी इसका खतरा हो सकता है। इस लेख में हम स्तन कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिससे आप इस बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें और समय पर इसका निदान एवं उपचार करा सकें।

स्तन कैंसर के लक्षण

स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण सामान्यतः ध्यान नहीं दिए जाने वाले होते हैं, इसलिए नियमित जांच और सतर्कता बहुत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित लक्षणों पर विशेष ध्यान दें:

  • स्तन में गाँठ: स्तन में अचानक कोई गाँठ महसूस होना, जो समय के साथ बढ़ती जा रही हो।
  • स्तन का आकार या आकृति में बदलाव: स्तन का आकार या आकृति बदलना या एक स्तन का असामान्य रूप से बड़ा हो जाना।
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन: त्वचा का सिकुड़ना, लालिमा या छाले जैसे निशान।
  • निप्पल से स्त्राव: बिना किसी कारण निप्पल से खून या अन्य तरल का निकलना।
  • निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की तरफ धंसना या उसका आकार बदलना।
  • बगल में गाँठ: बगल या कांख में गाँठ या सूजन महसूस होना।

स्तन कैंसर के कारण

स्तन कैंसर के निश्चित कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

  • आयु: उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है।
  • परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को स्तन कैंसर हुआ है तो जोखिम बढ़ जाता है।
  • हार्मोनल परिवर्तन: हार्मोनल असंतुलन, विशेषकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने से जोखिम बढ़ता है।
  • जीवनशैली: धूम्रपान, शराब का सेवन, उच्च वसा वाला आहार और शारीरिक सक्रियता की कमी।
  • रेडिएशन थेरेपी: यदि किसी ने पूर्व में रेडिएशन थेरेपी ली है तो स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

निदान

स्तन कैंसर का जल्द निदान इसके सफल इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग निदान के लिए किया जाता है:

  1. मैमोग्राफी: स्तन की एक्स-रे जांच, जिससे स्तन कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाया जा सकता है।
  2. अल्ट्रासाउंड: स्तन में गाँठ का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
  3. बायोप्सी: गाँठ से ऊतक का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप के तहत जांच की जाती है।
  4. एमआरआई: अधिक जटिल मामलों में एमआरआई का उपयोग किया जाता है।

रोकथाम

स्तन कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियाँ बरतकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:

  1. नियमित जांच: नियमित रूप से स्तन की स्व-परिक्षण करें और डॉक्टर से जांच कराएं।
  2. स्वस्थ आहार: संतुलित और पौष्टिक आहार लें, जिसमें फलों, सब्जियों, और अनाज की मात्रा अधिक हो।
  3. शारीरिक सक्रियता: नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
  4. धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब का सेवन न करें या इसे बहुत कम मात्रा में करें।
  5. हार्मोनल थेरेपी का सीमित उपयोग: हार्मोनल थेरेपी का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।

निष्कर्ष

स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी, जागरूकता और समय पर निदान एवं उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। महिलाओं को विशेष रूप से अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए और नियमित जांच करानी चाहिए। स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही इस बीमारी से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है।

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